Saturday 9 April 2011

अण्णा ऐ हाची ज कियो थो

दो-तीन दिन पेला हर कणी रा मुंडा से यो ज हुणवा में आई रियो थो कि अण्णा बापड़ा हऊ काम करी रिया है पण वणारा भूखा बैठवा से अपणा नेताजी ने कई नी वेवा वालो है। वी तो यूज केता रेगा कि अन्ना थम अनशन मत करो हमी थाणा वाता पे विचार करांगा। ने अन्ना ने तो या वात पेला से ईज नगे थी कि नेता लोग घणा दोगला है। अणासे अपनी माँग मणावावा वस्ते वणाने तो बापू रा वताया रस्ता पे ईज चालनो पड़ेगा।

या वात तो हाची है कि अण्णा रे अनशन पर बैठवा से नेता लोग थोणा घणा घबरई जरूर गिया था। नेतावण की ई बौखलाहट रो फायदों टेम देखी ने घणा लोका ऐ उठायो ने बापड़ा अण्णा रो नाम ली ली के वणा रा ज बैनर तले अपणी राजनीति री दुकान खोली ली। ऐसो करवा वाला घणा बड़ा-बड़ा
साधु-संत, हीरो-हीरोइन ने समाज सुधारक था। जो खुद तो भूखा नी मरीया पण अण्णा रा भूखा मरवा पे वणा ऐ अपणी राजनीति जरूर कर ली। अण्णा रा तीखा तेवर देखी ने वणाने हमजावा वस्ते कई सारा नेता लोग अण्णा से कई रिया था कि थे अपणी अनशन तोड़ दो। पण अण्णा भी वात रा घणा काठा ठहरया। नेतावण री वात रो वणारी भूख हरताल पे तो जरा भी असर नी वियो। वी तो दन भर भूखा ही हुत्ता रिया।

अणी दो-तीन दन रा घटनाक्रम में या वात हऊ वी कि थोड़ी देर से ईज सही पण सरकार ऐ अपणा अण्णा री हगरी वाता मानी ली। या जीत ऐकला अण्णा रही नी थी बल्कि या अपणा हगरा आमजण रा हक री जीत है। जन लोकपाल बिल रा समर्थन में सरकार ने राजी करी ने अण्णा ऐ दुनिया ने यो वताड़ दियो कि छानो मानो बैठी ने भी हर लड़ई जीती जई सके ने जो हमारों हक है वणी ने माँगनो कोई अपराध कोनी है। हमारो हक हमाने नी मिले तो अपणा ने वणीने छीणनो चईजे। 

सीख : हाची कैवा में ने मनवावा में कोई गलती नी है। गलती तो गलत ने सेन करवा में है।  

- गायत्री शर्मा

No comments:

Post a Comment

आपकी अमूल्य टिप्पणीयों का स्वागत है। कृपया अपने विचारों से मुझे अवगत कराएँ।