Thursday 14 April 2011

अण्णा ऐ बापू री याद दिलाड़ दी

महात्मा गाँधी रो निंबध लिखी ने तो हमाए घणी परीक्षा पास कर ली पण बापू री सीख पे अमल करी ने हमाए कदी कोई काम नी किदो। जदीज तो आज हम दूसरा लोका से पाछे रई ग्या हा। हाची कहूँ तो आज रा टेम में बापू ने अपण केवल नेता वण रा भासण में या स्कूल री किताब में भणा। वणा रा बई-भईजी कूण था यो तो हमाणे याद वेगा पण वणी मनक ऐ अपणा जीवन में कोण सो असो हऊ काम कर्यो जणी रा कारण वणा ने अपणो देस ही नी बल्कि आखी दुनिया पूजे। यो अपणा ने अबार तक नगे नी है। ऐसा टेम में जद पइसो हमारो भगवाण है ने नेतावण अपणा ने भगवाण तक पहुँचावा रो रस्तो। जद हर काम मारकूट से वे ने ईमानदार आदमी ने फाँसी दई दी जावे .... तो ऐसा में बापड़ा बापू री की वाता लोका रे कई काम आवेगा?

पण आज का विगडि़या हुआ जमाणा में भी ऐकला अण्णा हजारे ऐ बापू री की वाता से भ्रष्टाचार मिटावा री वात ठाणी। अण्णा ने नगे थो कि वणारो भूख हरताल रो रस्तो घणों कठिन है ने सरकार कदी भी वणारी वाता पे ध्यान नी देगा। पण यो सब होचवा बाद भी अण्णा ऐ बापू री सीख पे अमल करी ने छाना-माना बठी ने अपनी माँग मणवावा वस्ते दो-तीन दन तक भूख हरताल की।

अपणी भूख हरताल से अण्णा ऐ दुनिया ने यो तो वताड़ दियो कि छाना-माना बैठी ने ने वना तोड़-फोड़ किया भी अपणे हर लड़ई जीती सका। यदि या हाची वात है तो फेर लोका क्यों एक-दूसरा पे चक्कू-छुरी चलावे ने क्यों खून-खराबो करे? थम म्हारी वात माणो तो बापू का विचार काले भी हऊ था ने आज भी हऊ है। यदि अपण बापू री वाता पे अमल करागा तो देर-सवेर ही सही पण जीत तो अपणी ज वेगा नी।     

2 comments:

  1. आपने सम्यक विषय को अपनी भाषा में प्रस्तुत कर बहुत अच्छा कार्य किया है ..आशा है आपका यह प्रयास अनवरत रूप से जारी रहेगा और हमें मालवी को और समझने का अवसर मिलेगा ...आपका आभार इस सार्थक और सम्यक पोस्ट के लिए ..!

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  2. मेरे ब्लॉग पर आकर अपने विचारों से मुझे अवगत कराने के लिए शुक्रिया केवल जी।

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