दो-तीन दन पेला इंदौर में मने वाट-वाट पे गणगौर माता ने ईश्वर जी लोगाया रा माथा पे बैठी ने शेर में फरता नजरे आया। कदी मंदिर पे तो कदी वाट में घणी जगह मने तो हऊ चमक-धमक रा कपड़ा पेरी नरी लोगाया नजरे आई। जणा रा माथा पे टीला-टिपकी लगई ने नवा कपड़ा पेरई के हऊ चकाचक तैयार किया गणगौर माता ने ईश्वर जी था। जणारो श्रृंगार देखता ही वणतो थो।
गणगौर माता ने लई जई री अणा सब लोगाया रा आगे ढोल वालो ढोल वजाता हुआ जाई रियो थे ने ई लोगाया वाट में जाता-जाता गणगौर रा मालवी-निमाड़ी गीत गाई ने नाची री थी। कणी लोगाया ऐ तो गारा रा गणगौर माता ने ईश्वर जी माथा पे रख्या था। ने कणी ऐ तो अपणा नाना छोरा-छोरी ने हऊ तैयार करी ने गणगौर माता ने ईश्वर जी रो प्रतीक स्वरूप वणायो थो।
ई त्योहार रा बारा में अपणा घर रा पुराणा लोका के की ... होली रा बाद से सोला दन तक गणगौर माता अपणा पीयर में आवे ने वणी ज टेम लोगाया वणारी पूजा करे। सुहागण औरता अणी दिन गणगौर माता से अपना सुहाग री रक्षा री प्रार्थना करे ने दन भर भूखी रे। जणी से कि गणगौर माता वणापे खुश वई जावे ने वणाने हऊ हऊ आर्शीवाद भी दे। अणी दिन गणगौर माता ने परसाद का रूप में मीठा शक्करपारा रो भोग भी लगावे।
वणी ज दन दफोरे तीन वजे रा लगभग मने राजबाड़ा का कने घणी लोगाया गणगौर माता ने ईश्वर जी ने माथा पे बैठई ने लई जाती नजरे आई। वणा ने देखी ने मने यो भी लाग्यो कि आज भी हम नवा-नवा ने नाना-नाना छीतरा ने ऊँची ऐडी री चप्पल पैरी ने कतरा भी शहरी वई गया हा पण गाम रा रीति रिवाज ने,अपना तीज-त्यौहार ने अपणे अभी तक नी भूल्या हा।
सीख : टेम-टेम पे हगरो काम करो पण हंडे-हंडे तीज-त्योहार पे भगवान ने भी याद कर लिया करो।
- गायत्री शर्मा
गणगौर माता ने लई जई री अणा सब लोगाया रा आगे ढोल वालो ढोल वजाता हुआ जाई रियो थे ने ई लोगाया वाट में जाता-जाता गणगौर रा मालवी-निमाड़ी गीत गाई ने नाची री थी। कणी लोगाया ऐ तो गारा रा गणगौर माता ने ईश्वर जी माथा पे रख्या था। ने कणी ऐ तो अपणा नाना छोरा-छोरी ने हऊ तैयार करी ने गणगौर माता ने ईश्वर जी रो प्रतीक स्वरूप वणायो थो।
ई त्योहार रा बारा में अपणा घर रा पुराणा लोका के की ... होली रा बाद से सोला दन तक गणगौर माता अपणा पीयर में आवे ने वणी ज टेम लोगाया वणारी पूजा करे। सुहागण औरता अणी दिन गणगौर माता से अपना सुहाग री रक्षा री प्रार्थना करे ने दन भर भूखी रे। जणी से कि गणगौर माता वणापे खुश वई जावे ने वणाने हऊ हऊ आर्शीवाद भी दे। अणी दिन गणगौर माता ने परसाद का रूप में मीठा शक्करपारा रो भोग भी लगावे।
वणी ज दन दफोरे तीन वजे रा लगभग मने राजबाड़ा का कने घणी लोगाया गणगौर माता ने ईश्वर जी ने माथा पे बैठई ने लई जाती नजरे आई। वणा ने देखी ने मने यो भी लाग्यो कि आज भी हम नवा-नवा ने नाना-नाना छीतरा ने ऊँची ऐडी री चप्पल पैरी ने कतरा भी शहरी वई गया हा पण गाम रा रीति रिवाज ने,अपना तीज-त्यौहार ने अपणे अभी तक नी भूल्या हा।
सीख : टेम-टेम पे हगरो काम करो पण हंडे-हंडे तीज-त्योहार पे भगवान ने भी याद कर लिया करो।
- गायत्री शर्मा
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