Wednesday 27 April 2011

शमसान री लकड़ी से माताजी रो भण्डारो


- गायत्री शर्मा 

देखों भई, बड़ा शेर में तो नानी-मोटी वाता वेणी तो रोज री वात है। पण आज हूँ थाणे बड़ा शेर री बड़ी वात वताऊ। जणी ने हुणी ने थे भ‍ी कोगा कि अणा शेर वाला से तो हम गाम वाला घणा हऊ हा। अबाणु थोड़ा दन पेला ईज मने हुणवा में आयो कि इंदौर शेर रा जूनी इंदौर शमसान में एक मनक री अर्थी गई ने पाछी असी की असी ज बारते आई गी। फेर अर्थी रा कांधा देवा वाला बापड़ा लोका अर्थी ने तोकी ने पाछा दूसरा शमसान लई ग्या ने फेर वटे वणाए वणी मरया थका मनक ने बारयो।

            थाने यो हुणी ने घणों झटकों लागेगा कि वा अर्थी जद जूनी इंदौर शमसान पे बारवा वस्ते पोची थी। वणी वखत शमसान में मुर्दा ने बारवा री लकडि़याँ रो टोटो पड़ी ग्यो थो। अणी रो कारण यो थो कि ऐरे-मेरे रा चोट्टा लोका शमसान से लकडि़याँ चोरी ने लई ग्या था। या वात कतरी गलत है। अबे थे ईज वताओ ‍कि बापड़ा लोका जो तेज तड़का में अर्थी रा हंडे मुर्दा ने विदा करवा ने आया था। वणाने एक जगा से दूसरी जगह भटकाई ने ई चोट्टा लोका ने कई ‍मली ग्यो? बापड़ा ने एक तो अपणा परिवार रा मनक ने खोवा रो गम थो ने दूजी कसर वणा ने तड़का में एक शमशान से दूसरा शमशान तक दौड़ाई ने चोट्टा लोका ऐ पूरी कर लाकी।

            थे एक ओर मजे री वात हुणों दो-तीन दन तक ऐसा एक-दो केस पेपर में आवा रा बाद शेर रा थोड़ा-घणा हमजदार लोका हरकत में आया। ई मामला उछलवा रा दो-तीन दन बाद पेपर में भणवा में आयो कि जो चोट्टा लोका शमसान से मुर्दो बारवा री लकड़ी चोरी ने लई ग्या था। वणा लोका ऐ शमसान री लकडि़याँ से नौरता में माताजी रो भण्डारों कर्यो थो ने लोका ने जिमायो थो। या वात कतरी गलत है री भई, आज माणा लोका में अतरी भी मानवता नी वच‍ी कि हम मुर्दा रा बारा में होचा।

सीख : थे लाख गलत काम करी लो पण मानवता ने कदी मत मरवा दीजो। मुसीबत रा टेम लोका री मदद करी ने वणारा अच्छा आसीस लीजो। जो आगे जई ने थाणा काम में आवे।  

1 comment:

  1. अच्छी सीख दी है आपने .....आपका आभार इस सार्थक प्रयास के लिए

    ReplyDelete

आपकी अमूल्य टिप्पणीयों का स्वागत है। कृपया अपने विचारों से मुझे अवगत कराएँ।