Monday 11 April 2011

थे मने मत हमजाड़ों


आज हवेरे-हवेरे रतलाम से इंदौर आवा वस्ते मैं पैला बस स्टेशन गई तो वटे जाइने मने नगे पड़्यों कि इंदौर जावा वस्ते राजस्थान री बस दस मिनिट पैला ई ज जाई चुकी है। वणी टेम एमपी री बस भी इंदौर जावा वस्ते तैयार खड़ी थी पण मैं वणी बस में अणी वस्ते नी बैठी कि एक तो एमपी री बसा री सीटा ने टायर दो ईज घणा खराब रे ने घणी हारी सवारी बैठावा वस्ते ई बसा चनिक-चनिक सी देर में वाट-वाट में जद मन पड़े जद रूकी जाए। जणी से दो-चार घंटा रो सफर पाँच-छे घंटा में तय वे ने अपण बस रा सफर में थाकी अतरा जावा कि अपणा घरे पोच्या बाद कई काम करवा री हिम्मत ई ज कोनी वचे। ई ज हगरी वाता होची ने मैं तो टेशन गई ने रेल रो टिकट कटाड़ ने रेल में बठी गी।

जण डब्बा में मैं बठी थी। ऊँ डब्बो रिर्जवेशन रो थो। जा में बैठवा वस्ते टीसी साब से सीलिप कटाडनी पड़े। अणी वस्ते हूँ तो पैला ईज ‍सीलिप कटाड़ी ने बैठी थी। थोड़ी देर बाद म्हारा डिब्बा में गाम री एक लोगई चढ़ी। जणी ऐ खुद रा बैठवा वस्ते सीट पे पैला से बैठ्या एक भई ने थोड़ों सखकवा रो कियो। ऊँ भई घणो हऊ मनक थो। अणी ज वस्ते वणी भई ऐ वणी लोगई ने कियो कि बैन यो रिर्जवेशन रो डब्बों है। अणी में बैठ्वा वस्ते थने टीसी ने पैसा देणा पड़ेगा। या वात हुणी ने वा लोगई तो वणी बापड़ा सेंपल मनक से भीड़ी ली ने उल्टों वणी ने ज कैवा लागी थे मने मत हमजाड़ों। मने नगे है कि अणी डंडलफ री सीट वाला डब्बा में बैठवा रा अबे पैसा नी लागे। थे तो छाना-माना वई ने खसकी जाओ तो ई ज हऊ रेगा।

वणी लोगई री या वात हुणी ने ऊँ मनक तो खसकी गयो ने वणा दोई री वाता हुणी-हुणी ने हूँ तो अपणी सीट पे बैठ्या-बैठ्या घणा दाँत काड़ी री थी। वणी टेम मैं मन में यो ज होच्यो कि आगे रई ने थे कदी कणी ने सलाह मत दो। नी तो ऊँ उल्टो थाणा ज माथे आवेगा।    

2 comments:

  1. मुझे आपकी इस काबलियत के बारे में तो मने नगे पड़्यों गायत्री जी।

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  2. अबे तो नगे पड़ी ग्यो नी? आपऐ म्हारों ब्लॉग देख्यो अणी वस्ते हूँ थाणी घणी आभारी हूँ। अब तो या ईज अरज है कि थम म्हारा ब्लॉग पे आता-जाता रिजो।

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